चिरजा...🙏🙏🙏🙏
(राग ....हुस्न पहाडो़ का... )
देशाणे री अम्बे माँ, ओ मेहाई.... देशाणे री अम्बे माँ....
ओ मेहाई म्हाने दरश दिखा...
खड्यो थांरे द्वारे मां...
हेलो म्हारो सुणज्यो माँ....
ओ मेहाई... 2
राखो म्हाने हिवडे़ लगा,
कर ममता सवाई माँ...
1...आप बिना म्हारो ओर है नाहीं
सब जग मायड़ स्वार्थ छाई...
साद सुणन्तां बेगी मां आई... 2
आय ऊबारो मां...
कि डग मग डोले म्हारी नाव...
भव पार ऊतारो माँ....
2..अटल भरोसो आपरो अम्बे..
बास भुजाळी माँ भुजलम्बे...
दया तो करो मां आप दयालू..
पात पुकारे माँ...
कि लेवो म्हाने लोवड़ ओट..
रहो आप सहाई.. माँ...
3...काबां वाली मात मेहाई...
थारी किरत सब जग छाई...
बारठ रिछपाल रे हेले माँ आई..
आशा पुरो माँ...
कि लिवूं थांरो नित ऊठ नाम...
पुजूं चरण सदांई माँ....
👏👏👏👏👏👏👏👏
रिछपाल सिंह बारहठ कृत
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